गठबंधन के सामने भाजपा इस बार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती है। ऐसे में पश्चिमी क्षेत्र की 14 सीटों पर काबिज सांसदों में से भाजपा तीन का पत्ता काटने की तैयारी में है। स्थानीय सर्वे के साथ ही संघ की रिपोर्ट के आधार पर यहां प्रत्याशी बदला जा सकता है।
2014 में भाजपा ने पश्चिमी क्षेत्र की सभी 14 सीटों पर जीत हासिल की थी। तब मोदी लहर के साथ मुजफ्फरनगर दंगे का भी असर था। इस बार माहौल बदला है, गठबंधन ने भी भाजपा को सोचने पर मजबूर कर दिया है। तीन माह पहले भाजपा ने प्रत्याशी चयन को लेकर सर्वे कराया था। तीन लोकसभा ऐसी पाई गईं, जहां स्थानीय स्तर पर लोग सांसद के कामकाज, व्यवहार से संतुष्ट नहीं थे।
लोकसभा चुनाव 2019: भाजपा पश्चिम की तीन सीटों पर बदल सकती है प्रत्याशी